ग्यारहवीं शरीफ का हुआ आयोजन, अमन और खुशहाली की दुआएं मांगी गईं
ग्यारहवीं शरीफ का हुआ आयोजन, अमन और खुशहाली की दुआएं मांगी गईं
जौनपुर में पीरान-ए-पीर दस्तगीर हजरत शेख अब्दुल कादिर जिलानी गौस-ए-पाक की ग्यारहवीं शरीफ अकीदत और खुलूस के साथ मनाई गई। इस अवसर पर मदरसा हनफिया में आयोजित जलसे में फातिहाख्वानी के बाद मुल्क में अमन और चैन की दुआ की गई।
शनिवार की शाम मोहल्ला नवाब साहब के आहते में आयोजित इस महफिल में कारी सब्बीर अहमद चिश्ती ने कलामे रब्बानी से जलसे की शुरुआत की। कार्यक्रम का संचालन मौलाना मोहिउद्दीन अहमद हेसाम ने किया। हजरत मौलाना ख़तीबे अहले सुन्नत अब्दुल समद जियाई ने अपने संबोधन में कहा कि अल्लाह ने गौस-ए-पाक को गौसियत का मुकाम दिया है और उन्होंने सभी को गौस पाक के बताए रास्ते पर चलने की नसीहत दी।
उन्होंने नमाज के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि नमाज ही हर मसले का हल है। पाबंदी ए वक्त के साथ नमाज को हर शख्स को पढ़ना चाहिए। हजरत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलेह वसल्लम के बताए रास्ते पर चलकर दुनिया में तरक्की की ओर बढ़ने का संदेश दिया।
जलसे में नात ख्वा हमीद खेतासराय, हारून रज़ा और अखलाक रज़ा ने नाते नबी का नजराना पेश कर उपस्थित लोगों को भाव-विभोर कर दिया। निजामत महशर अली ने किया। जलसा गौसुल वारा खत्म होने के बाद सभी उपस्थित लोगों में तबर्रुक वितरित किया गया।
इस प्रकार, ग्यारहवीं शरीफ के इस आयोजन ने लोगों के दिलों में एकता, प्रेम और भलाई का संदेश फैलाया।
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