आरओ/एआरओ परीक्षा लीक मामले में एसटीएफ ने पारुल सोलोमन को किया गिरफ्तार | Indian 24 Circle News

आरओ/एआरओ परीक्षा लीक मामले में एसटीएफ ने पारुल सोलोमन को किया गिरफ्तार

प्रयागराज। बिशप जॉनसन 'गर्ल्स विंग कटरा' प्रयागराज की बहुचर्चित प्रधानाचार्य रही पारुल सोलोमन को लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित आरओ/एआरओ परीक्षा लीक मामले में बिशप दान द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की गई शिकायत एवं दान द्वारा प्रस्तुत सभी साक्ष्यों के परीक्षणोंपरांत स्पेशल टास्क फोर्स ने पारुल सोलोमन को पेपर लीक मामले में संलिपितता प्रमाणित पाए जाने पर गुरूवार को उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

बता दें कि एआरओ/आरओ पेपर लीक मामले में अब भी परत दर परत कई सच्चाई उजागर हो गई। बिशप दान ने जुलाई में जब मुख्यमंत्री से मुलाकात करके पेपर लीक मामले में पारुल के विरुद्ध साक्ष्यों के साथ पत्र देकर जांच की माँग किया था जिसके बाद ही स्कूल की तत्कालीन प्रिन्सिपल को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया गया। इस पर स्कूल की तत्कालीन प्रिन्सिपल पारुल सोलोमन ने नोटिस का न कोई जवाब दिया और न ही पूछताछ में शामिल हुईं। इसके बाद बिशप दान ने पारुल सोलोमन को प्रधानाचार्य की कुर्सी से हटाकर उनकी जगह सरली मशीह को प्रधानाचार्य नियुक्त कर दिया था जिस पर भी पारुल सोलोमन ने हंगामा काटा था तथा दान समेत कई लोगो के विरुद्ध फर्जी मुकदमा भी दर्ज करा दिया था।

पारुल ने शिक्षकों एवं कर्मचारियों के वेतन एवं पीएफ फंड के करोड़ों रुपए का गबन कर लिया था। इसके खिलाफ शिक्षक एवं कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया था और मुख्यमंत्री समेत एसटीएफ के एडीजी को भी करवाई हेतु प्रत्यावेदन देकर स्कूल की तत्कालीन प्रिन्सिपल पारुल सोलोमन को पेपर लीक मामले में आरोपी बनाए जाने की माँग किया। मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देश का संज्ञान लेते हुए यूपी एसटीएफ ने तत्कालीन प्रिन्सिपल पारुल सोलोमन को रिमाइंडर नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया है। बताते चलें कि एआरओ/आरओ पेपर लीक मामले में बिशप जॉनसन गर्ल्स स्कूल से आरोपी अर्पित विनीत जसवंत ने पेपर लीक कराया था जो न स्कूल का कर्मचारी था और न ही उसका स्कूल से कोई लेना—देना। ऐसे में ज़ाहिर है कि पेपर लीक प्रकरण में प्रिन्सिपल की मिलीभगत है जिस पर इतनी बड़ी प्रतियोगी परीक्षा कराने की ज़िम्मेदारी आरोपी को सौंपी गई।

हालाँकि इस पूरे प्रकरण का संज्ञान लेते हुए स्कूल को संचालित करने वाली संस्था डायोसिस ऑफ लखनऊ के चेयरमैन बिशप मोरिस एडगर दान ने तत्कालीन प्रिन्सिपल को पद से हटा दिया लेकिन तत्कालीन प्रिन्सिपल बेहद नाटकीय ढंग से अपने निष्कासन के ख़िलाफ़ चेयरमैन समेत कई अन्य के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करा दिया। इस बाबत बिशप मोरिस एडगर दान ने बताया कि उनको पूर्व में ही निष्कासित किया जा चुका था। तत्कालीन प्रिन्सिपल पर कई अन्य आरोप भी हैं। पेपर लीक प्रकरण के बाद स्कूल के शिक्षकों और अभिभावकों में तत्कालीन प्रिन्सिपल के ख़िलाफ़ बेहद आक्रोश था। ऐसे में उनका पद पर बने रहना लाखों परीक्षार्थियों के साथ अन्याय होता।

बिशप दान द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं बिशप जॉनसन के शिक्षकों द्वारा दिए गए बयान के मिलान से स्पष्ट हो गया कि पारुल सोलोमन अर्पित विनीत जसवंत की मिली भगत से भर्ती परीक्षाओं का पेपर लीक कराती थी जिसके बाद एस टी एफ ने पारुल सोलोमन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। एसटीएफ पारुल सोलोमन के मोबाइल को अपने कब्जे में लेकर कॉल डिटेल की जांच शुरू कर दी है कि पारुल सोलोमन को किन-किन लोगों का सहयोग मिलता रहा जल्द ही उन लोगों के विरुद्ध एसटीएफ नोटिस भेजकर कड़ी कार्रवाई करेगी।

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