माध्यमिक शिक्षक संघ (नवीन) की बैठक में शिक्षक कर्मचारियों के मुद्दो सहित डीआईओएस कार्यालय के भ्रष्टाचार पर हुई चर्चा
माध्यमिक शिक्षक संघ (नवीन) की बैठक में शिक्षक कर्मचारियों के मुद्दो सहित डीआईओएस कार्यालय के भ्रष्टाचार पर हुई चर्चा
जौनपुर। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (नवीन) की जिला इकाई की बैठक प्रांतीय अध्यक्ष की उपस्थिति में रोडवेज तिराहा स्थित कार्यालय पर हुई। बैठक में शिक्षक कर्मचारियों के विभिन्न समस्याओं जिसमें 28 मार्च 2005 के पूर्व विज्ञापित पदों पर 1 अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त हजारों शिक्षकों एवं कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन का विकल्प संबंधी शासन द्वारा निर्गत आदेश को क्रियान्वयन हेतु जनपद स्तर पर जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा विकल्प पत्र भरने संबंधी आदेश निर्गत कराने प्रधानाचार्य के पद पर कार्यवाहक के रूप में काम कर रहे सम्मानित शिक्षकोंको प्रधानाचार्य का ग्रेड पे देने, सिटिजन चार्टर लागू करने, 10 साल एवं 12 साल की निर्बाध सेवा पर चयन एवं प्रोन्नत वेतनमान देने, लंबित अवशेष शीघ्र देने, एनपीएस अपडेट करने, डीआईओएस कार्यालय और विद्यालय के टैन(TAN) में आयकर के रूप में की जा रही कटौती के संचय में विसंगति के कारण निशुल्क फॉर्म 16 और समयबद्ध आईटीआर भरने में शिक्षक कर्मचारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।जिसे शीघ्र दूर करने और डीआईओएस कार्यालय में अधिकारियों और बाबूओं की अधिकांश अनुपस्थिति के कारण शिक्षकों और कर्मचारियों से जुड़ी समस्याओं का निस्तारण समयबद्ध एवं नियमित नहीं हो पा रहा है और इसी कार्य शैली के चलते कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार पर चर्चा की गई।
प्रांतीय अध्यक्ष ने कहा कि सरकार की छवि धूमिल करने पर आमादा डीआईओएस कार्यालय समय रहते शिक्षकों कर्मचारियों की समस्याओं का निस्तारण नहीं करता है तो संगठन शीघ्र ही डीआईओएस कार्यालय में तालाबंदी कर धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर होगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।
अध्यक्ष ने कहा कि शिक्षक कर्मचारियों की समस्याओं लेकर एक बड़ी बैठक 31 अगस्त 2024 को बलराम यादव जन सेवा इंटर कॉलेज कलीचाबाद में होगी जिसमें शिक्षकों की समस्याओं और समाधान को लेकर बड़ा निर्णय होगा।बैठक में प्रांतीय मंत्री कमल नयन, अनिल कनौजिया, वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ चंद्र सेन,जिला संगठनमंत्री डॉ नागेंद्र प्रसाद यादव, पूर्व जिला मंत्री शैलेंद्र कुमार, जिला कार्यकारिणी सदस्य डॉ जी एन सिंह शाक्य, रामपाल, राजकुमार यादव, सत्यप्रकाश, कृष्ण मोहन यादव, अजीत चौरसिया आदि शिक्षक पदाधिकारी गण अपने विचार रखे।
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