डीजीपी प्रशांत कुमार ने पुलिस अधिकारियों को दिए कड़े निर्देश
डीजीपी प्रशांत कुमार ने पुलिस अधिकारियों को दिए कड़े निर्देश
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने राज्य के पुलिस अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिनका उद्देश्य पुलिस जांच प्रक्रिया को तेज़ और अधिक पारदर्शी बनाना है। डीजीपी ने विशेष रूप से 3 से 7 साल तक की सजा वाले अपराधों की जांच प्रक्रिया को लेकर निर्देश जारी किए हैं।
इन निर्देशों के अनुसार, किसी भी शिकायत या तहरीर की जांच 14 दिनों के भीतर पूरी करनी होगी। थाना प्रभारी को निर्देशित किया गया है कि वह जांच की शुरुआत से ही इसे जनरल डायरी में दर्ज करें और प्रारंभिक जांच में किसी गंभीर अपराध के संकेत न मिलने की स्थिति में तुरंत संबंधित व्यक्ति और उच्च अधिकारियों को सूचित करें। यदि जांच समय पर पूरी नहीं होती है, तो एफआईआर दर्ज करनी अनिवार्य होगी।
डीजीपी ने यह भी कहा कि जांच प्रक्रिया में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। सभी जांच रिपोर्ट्स सीओ (सर्कल ऑफिसर) और एसीपी (असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस) को सौंपना अनिवार्य होगा। इसके अलावा, पीड़ित को भी जांच की प्रगति की जानकारी देना और एफआईआर दर्ज होने पर उसकी प्रति प्रदान करना आवश्यक होगा।
डीजीपी के इन निर्देशों का उद्देश्य न्याय प्रक्रिया को तेजी से संचालित करना और आम जनता का पुलिस पर भरोसा बहाल करना है। अब जांच में किसी भी प्रकार की लापरवाही या देरी करने वाले अधिकारियों को जवाबदेह ठहराया जाएगा, जिससे पुलिस प्रणाली में पारदर्शिता और अनुशासन स्थापित किया जा सके।
इन कड़े निर्देशों से उम्मीद की जा रही है कि उत्तर प्रदेश में अपराधों की जांच प्रक्रिया अधिक प्रभावी और समयबद्ध होगी, जिससे पीड़ितों को त्वरित न्याय मिल सके।
**पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश**
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