हिंदुस्तान मानवाधिकार के उत्तर प्रदेश प्रभारी वकार हुसैन प्राइवेट अस्पतालों में होने वाली लूट,और सरकारी अस्पतालों में व्याप्त भ्रष्टाचार एवम दुर्व्यवस्था पर उचित कदम उठाने की किया मांग।

जौनपुर । प्राइवेट अस्पतालों में होने वाली लूट,और सरकारी अस्पतालों में व्याप्त भ्रष्टाचार एवम दुर्व्यवस्था पर उचित कदम उठाने हेतु हिंदुस्तान मानवाधिकार के उत्तर प्रदेश प्रभारी वकार हुसैन ने केंद्रीय चिकित्सा एवम स्वास्थ्य मंत्री,केंद्रीय चिकित्सा परिषद के महा निदेशक, मुख्य मंत्री उत्तर प्रदेश,और स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखा है।

श्री हुसैन ने अपने पत्र में लिखा , कि यह अत्यंत चिंतनीय विषय है कि चिकित्सा जैसा मानवीय पेशा,भरोसे व विश्वास का पर्याय,और ईसा मसीह का पवित्र कार्य धनलोभी चिकित्सको द्वारा विशुद्ध धंधा बन गया है। क्या यह आश्चर्य का विषय नहीं है कि एक कमरे में अपनी क्लिनिक की शुरुआत करने वाला,थोड़े ही समय में महल जैसा करोड़ों रुपए का फाइव स्टार नर्सिंग होम स्थापित कर लेता है,जहा सुखी हड्डियों तक से खून निकाल लिया जाता है। महंगा बेड चार्ज,महंगा नर्सिंग चार्ज, ढेर सारी महंगी दवाएं,ढेर सारी जांचे, जिनमें अधिकांश अनावश्यक केवल कमीशन के लिए। नैतिक पतन इस हद तक कि दम तोड चुके मरीज़ को वेंटीलेटर पर जीवित दिखाया जाता है ।

श्री हुसैन ने लिखा कि केवल मोटी रकम प्राप्त करने के ही उद्देश्य से नॉर्मल डिलीवरी संभव होने के बावजूद,गर्भवती की क्रिटिकल हालत का खौफ दिला कर सिजेरियन डिलीवरी कर जच्चा बच्चा दोनों को कई जटिलताओं के जोखिम में डाल दिया जाता है,जब कि चिकित्सक इस तथ्य से अवगत होते हैं कि योनि द्वारा जच्चा बच्चा दोनों के लिए सुरक्षित और स्वाथ्यवर्धक होते है।

उनके अनुसार प्राइवेट अस्पतालों की लूट से बचने के लिए सामान्य और गरीब मरीज़ सरकारी अस्पतालों में ही जाना चाहते है, परन्तु यहां उन्हें उपेक्षा,दुर्व्यवस्था और भ्रष्टाचार का दंश झेलना पड़ता है।

उन्होंने ने लिखा कि जिला अस्पताल से बुरा हाल विकास खंडों के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों का है। सन 2023 में, एक समाज सेवी और भारतीय रेड क्रॉस के स्थाई सदस्य के तौर पर मैने मचलीशहर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में व्याप्त भ्रष्टाचार का सच जानना चाहा तो मैं स्तब्ध रह गया। सरकारी दवाएं बेच कर ,बाहर की दवाएं लिखी जा रही थी हर डिलीवरी पर एक हजार रुपए उसूली की रही थी,सरकारी आवास किराए पर चल रहे थे । जिला अधिकारी और स्वाथ्य मंत्री से शिकायत की गई तो सीएमएस दोषी पाए गए।

        उन्होंने ने निवेदन किया कि प्राइवेट अस्पतालों में होने वाली लूट व ठगी के आतंक से बचने के लिए उचित कदम और कठोर दिशानिर्देश जारी करें और यदि इन प्राइवेट अस्पतालों मे इलाज के दौरान मरीज़ की मौत हो जाती है तो इलाज का सारा खर्च अस्पताल वहन करे ।तथा सरकारी अस्पतालों / सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को भ्रष्टाचार मुक्त बनाया जाय , मरीजों के प्रति अधिक जवाबदेह बनाया जाय।

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